SIDH KUNJIKA SECRETS

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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

मां click here दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

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